बुन्देलखण्ड व विन्ध्य क्षेत्र में नये ब्लास्ट कूप निर्माण योजना : लाभार्थी चयन से लेकर निर्माण तक सम्पूर्ण जानकारी
परिचय उत्तर प्रदेश का बुन्देलखण्ड और विन्ध्य क्षेत्र लंबे समय से पानी की कमी और सूखे की समस्या से जूझता रहा है। यहाँ का अधिकांश हिस्सा पठारी क्षेत्र है, जहाँ सामान्य बोरिंग कराने पर पानी नहीं मिलता। किसान बरसात पर निर्भर रहते हैं और गर्मियों में स्थिति और भी विकट हो जाती है। फसलें सूख जाती हैं, पशुओं के लिए चारा और पानी की कमी हो जाती है। इन्हीं समस्याओं को देखते हुए सरकार ने ब्लास्ट कूप निर्माण योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत उन क्षेत्रों में विशेष तकनीक से बड़े आकार के कूप बनाए जाएंगे, जहाँ बोरिंग से पानी नहीं मिलता। ब्लास्ट कूप के माध्यम से भूमिगत पानी का भंडारण सुनिश्चित होगा और किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध हो सकेगा। योजना का उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य है— ब्लास्ट कूप निर्माण का स्वरूप यह कूप सामान्य कुओं से कहीं बड़ा होता है और इसकी संरचना ऐसी होती है कि पानी लंबे समय तक उपलब्ध रहता है। योजना का लाभ क्षेत्र यह योजना मुख्य रूप से बुन्देलखण्ड और विन्ध्य क्षेत्र के पठारी इलाकों में लागू होगी। इनमें शामिल जिले हैं – लक्ष्य निर्धारण और वित्तीय व्यवस्था लाभार्थी चयन प्रक्रिया लाभार्थी चयन पारदर्शी प्रक्रिया से किया जाएगा: ब्लास्ट कूप निर्माण की विस्तृत प्रक्रिया 1. सर्वेक्षण कार्य 2. आवेदन और शुल्क जमा 3. स्थल चिन्हांकन और सूची बनाना 4. किसान का योगदान 5. निर्माण कार्य 6. सत्यापन और शपथ पत्र प्राथमिकताएँ और प्रतिबंध गुणवत्ता नियंत्रण और भौतिक सत्यापन अनुदान स्वीकृति प्रक्रिया योजना से किसानों को होने वाले लाभ निष्कर्ष बुन्देलखण्ड और विन्ध्य क्षेत्र के किसानों के लिए नये ब्लास्ट कूप निर्माण योजना किसी वरदान से कम नहीं है। यह योजना न सिर्फ जल संकट का समाधान करेगी बल्कि किसानों की आय बढ़ाकर उनके जीवन स्तर को भी ऊँचा उठाएगी। सरकार की मंशा है कि हर किसान आत्मनिर्भर बने और पानी की कमी के कारण कभी खेती छोड़ने पर मजबूर न हो। यदि किसान सही तरीके से आवेदन करें, नियमों का पालन करें और समय पर प्रक्रिया पूरी करें तो निश्चित रूप से उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा।